सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की है कि उन सरकारी केंद्रीय कर्मचारियों को सालाना इन्क्रीमेंट (वेतन वृद्धि) न दिया जाए अगर वे परफॉर्म करने में नाकाम रहते हैं। आयोग ने इसके लिए परफॉर्मेंस के लेवल ‘अच्छा’ को बहुत ‘अच्छा’ करने की सिफारिश की है। आयोग ने इस बात की भी सिफारिश की है कि सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए परफॉर्मेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) जैसी व्यवस्था लाई जाए।
पैनल ने कहा, ‘यह एक आम सोच है कि वेतन में इजाफा या पद में तरक्की वक्त के साथ होने वाली चीज है। आयोग को लगता है कि जिन कर्मचारियों की परफॉर्मेंस तयशुदा मानकों के हिसाब से नहीं हैं, उन्हें सालाना वेतन बढ़ोत्तरी पाने का हक नहीं है। इसलिए आयोग इस बात का प्रस्ताव रखता है कि जो कर्मचारी मानकों के हिसाब से परफॉर्म न करें उनकी सालाना वेतन वृद्धि रोकी जाए।’ यह नाकाबिल कर्मचारियों के लिए एक बाधक के तौर पर काम करेगा। हालांकि, यह एक दंड नहीं है, इसलिए अनुशासनात्मक मामलों में वेतन वृद्धि रोकने जैसे नियम लागू नहीं होंगे। सरकार के पास आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दाखिल वेतन बढ़ोत्तरी को योग्यता के पैमाने की तरह देखा जाए।
SOURCE - .jansatta
पैनल ने कहा, ‘यह एक आम सोच है कि वेतन में इजाफा या पद में तरक्की वक्त के साथ होने वाली चीज है। आयोग को लगता है कि जिन कर्मचारियों की परफॉर्मेंस तयशुदा मानकों के हिसाब से नहीं हैं, उन्हें सालाना वेतन बढ़ोत्तरी पाने का हक नहीं है। इसलिए आयोग इस बात का प्रस्ताव रखता है कि जो कर्मचारी मानकों के हिसाब से परफॉर्म न करें उनकी सालाना वेतन वृद्धि रोकी जाए।’ यह नाकाबिल कर्मचारियों के लिए एक बाधक के तौर पर काम करेगा। हालांकि, यह एक दंड नहीं है, इसलिए अनुशासनात्मक मामलों में वेतन वृद्धि रोकने जैसे नियम लागू नहीं होंगे। सरकार के पास आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि दाखिल वेतन बढ़ोत्तरी को योग्यता के पैमाने की तरह देखा जाए।
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